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Saturday, 14 July 2018

July 14, 2018

Top Friendship Day Songs

Best Friendship Day Songs For You

It s Friendship Day! So We Bring To You The Best Friendship Day Songs You Must Listen Today Especially With Your Friends!


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  • Yeh Dosti Hum Nahin Todenge
  • Jaane Kyun Dil Jaanta Hai
  • Dil Chahta Hai
  • Yaaron Dosti
  • Salamat Rahe Dostana Hamara
  • Tu Hi Toh Mera Dost Hai
  • Yaar Anmule
  • Daaru Desi
  • Purani Jeans
  • Jaane Nahin Denge Tujhe
  • Yaar Tare Yari
July 14, 2018

Friendship Day | Aug 05, 2018

“Friendship isn’t a big thing - its a million little things.”


एक्जाम में कम मार्क्स आए.. तो क्या हुआ.. मुझे तो ज़ीरो मिली है। मेरी बाइक पंक्चर हो गई है.. तू वहीं रुक मैं अभी वहां पहुंचता हूं। मैं तेरी जैकेट पहन जाऊं… हां पहन ले.. लेकिन धो के रखना। यही तो है दोस्ती। 
आप सभी के दोस्त तो होंगे ही और उनमें से कुछ ऐसे होंगे जिनके साथ आप दिन में सबसे ज्यादा वक्त गुजारते हैं। कहीं किसी परेशानी में हों तो सबसे पहले उन्हे फोन लगाते हैं। ऐसे दोस्त जो आधी रात को भी आपके साथ खड़े रहने के लिये तैयार हैं या ऐसे जो आपको ऑफिस में मदद करते हैं, उन्ही सब को थैंक्स बोलने और अपनी दोस्ती जाहिर करके उसे और पक्की बनाने का दिन है फ्रेंडशिप डे, अगर इसे हिंदी में कहें तो दोस्ती या मित्रता दिवस।
 यूं तो ये अलग अलग देशों में अलग अलग दिन मनाया जाता है, लेकिन भारत में इसे अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाते हैं। दक्षिण अमेरिकी देशों से शुरू हुआ यह त्योहार उरुग्वे, अर्जेटीना, ब्राजील में 20 जुलाई को, पराग्वे में 30 जुलाई को, जबकि भारत, मलेशिया, बांग्लादेश आदि दक्षिण एशियाई देशों सहित दुनियाभर के बाकी देशों में यह अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। दोस्ती वह रिश्ता है जो आप ख़ुद तय करते हैं, जबकि बाक़ी सारे रिश्ते आपको बने-बनाये मिलते हैं।
आज जिस तकनीकी युग में हम जी रहे हैं, उसने लोगों को एक-दूसरे से काफ़ी क़रीब ला दिया है लेकिन शाम के वक्त कोल्ड ड्रिक पीते-पीते कुछ पल अगर दोस्तों के साथ बिता लें तो दिन की सारी थकान उतर जाती है।

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फ्रेंडशिप डे मनाने का इतिहास

दोस्ती के प्रतीक के रूप में जाने वाले इस दिन की शुरुआत सन् 1919 में हुई, जिसका श्रेय हॉलमार्क कार्डस के संस्थापक जॉएस हॉल को जाता है। लोग उन दिनों अपने दोस्तों को फ्रेंडशिप डे कार्ड भेजा करते थे। उन दिनों से शुरू हुआ यह सिलसिला बदस्तूर आज भी जारी है। अगस्त के पहले रविवार को यह ख़ास दिन मनाने के पीछे वजह यह थी कि अमेरिकी देशों में यह समय ऐसा होता है, जब दूर-दूर तक किसी पर्व-त्योहार की छुट्टी नहीं होती। सन् 1958 के 30 जुलाई को औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप डे (विश्व मैत्री दिवस) की घोषणा की गई थी। बताया जाता है कि डाक्टर अर्टरमिओ ने अपने दोस्त ब्राचो के साथ पराग्वे नदी के पास रात्रि भोजन किया था। पहली बार पराग्वे में ही इस दिन को मनाया गया था। दक्षिण अमेरिकी देशों में सबसे पहले इस दिन को उत्सव के रूप में मनाने की शुरुआत हुई थी। भारत में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण अमेरिकी देशों में जुलाई महीने को काफ़ी पावन माना जाता है, इसलिए जुलाई के अंत में ही इस दिन को मनाया जाता है। बांग्लादेश व मलेशिया में डिजिटल कम्यूनिकेशंस के तहत यह दिन ज्यादा चर्चित हो गया है। यूनाइटेड नेशंस ने भी इस दिन पर अपनी मुहर लगा दी थी। 

फ्रेंडशिप डे का महत्व

इस दिन दोस्त एक दूसरे को गिफ्टस, कार्ड देते हैं। एक-दूसरे को फ्रेंडशिप बैंड बांधते हैं। दोस्तों के साथ पूरा दिन बिताकर अपनी दोस्ती को आगे तक ले जाने व किसी भी मुसीबत में एक दूसरे का साथ देने का वादा करते हैं। हालांकि जिनके पास गिफ्टस व कार्ड देने की क्षमता नहीं है, वह अपने प्यार के एहसास से ही दोस्त को दोस्ती का महत्व समझा देते हैं। पहले इस दिन को कुछ चुनिंदा देशों में कुछ चुनिंदा लोगों में ही मनाने का दस्तूर था, लेकिन इन दिनों सोशल नेटवर्किग साइट्स की बढ़ते पायदान की वजह से लोगों में यह दिन काफ़ी चर्चित हो गया है। फ्रेंडशिप डे पर शुरू में ग्रीटिंग कार्डस के लेन-देन से शुरू हुए इस सिलसिले ने गिफ्ट्स से लेकर फ्रेंडशिप बैंड को अपनी परंपरा में शामिल किया है। आज तकनीकी क्रांति और सोशल नेटवर्किग साइट्स के ज़माने में दोस्त और दोस्ती के प्रति अपनी भावना व्यक्त करने का यह अवसर, दुनियाभर में दिन-प्रतिदिन लोकप्रिय हो रहा है। लोगों के बीच रंग, जाति, धर्म जैसी बाधाओं को तोड़कर आपस में दोस्ती और परस्पर सौहाद्र बढ़ाने का संदेश देने वाले इस अनूठे त्योहार के सम्मान में, वर्ष 1998 में संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव कोफी अन्नान की पत्नी, नाने अन्नान ने प्रसिद्ध कार्टून कैरेक्टर विन्नी द पूह को दोस्ती के लिए संयुक्त राष्ट्र में दुनिया का राजदूत घोषित किया। 
समय के साथ दोस्ती का मतलब, दोस्तों की जरूरत और दोस्ती के पैमाने, सब बदल चुके हैं। अब तो दोस्ती के रिश्ते का स्वरूप हर पल बदलता दिखता है। जगह और रुचि बदलते ही, जो दोस्ती कभी अटूट दिखती थी, वो औपचारिकता में बदल जाती है। ऐसा नहीं है कि इस बीच हम पुराने दोस्तों को भूल जाते हैं, पर हां समय के साथ समान रुचि वाले लोगों से ही हमारी बातचीत हो पाती है। आमने-सामने की दोस्ती निभाना अब कठिन होता जा रहा है, ऐसे में दोस्तों की संख्या कम होती जाती है। लेकिन हां, व्यस्तता के बीच सोशल साइट्स का सहारा लेकर दोस्ती निभाने की कोशिश जारी रहती है। सोशल साइट्स पर दोस्तों की संख्या भले ही बड़ी होती है, पर व्यक्तिगत तौर पर ऐसी दोस्ती वक्त पड़ने पर मददगार साबित नहीं होती। अब इंटरनेट की दुनिया में बिना मुलाकात किए भी दोस्त बन जाते हैं। सोशल वेबसाइट्स पर दोस्त बड़ी तेजी से बनते हैं। ऐसा लगता है कि साइट पर मौजूद दोस्त बेहद मिलनसार हैं। पर वास्तव में ऐसा नहीं है। ये दोस्ती महज टाइमपास होती है और इंटरनेट की दोस्ती पर आप ज्यादा भरोसा भी नहीं कर सकतीं।